Tuesday, April 14, 2009

स्विस बैंक में काला धन- एक गंभीर मुद्दा

जैसा की हम सब लोग जानते है की भारत का कला धर बिदेसी बांको में जमा है । अगर सूत्रों की माने तो ये धन इतना है की भारत के ऊपर जितना कर्ज है उससे तीन गुना। अगर ये सच है तो फ़िर हमारी सरकार इसको एक मुद्दा क्योऊ नही बनाती और उसे भारत में लाने का प्रयास क्योऊ नही करती। भाई बात सीधी है...दाल में काला नही पुरी दाल ही काली है । आखिर कार ये पैसा है तो अपने प्यारे नेताओ का ही। आपने देखा और सुना होगा की हमारे नेता लोग जब अपनी संम्पत्ति की घोसणा करते है तो उसे देख के एसा लगता है की उनके पास इतना ही पैसा है । अरे भाई लोगो पैसा है और बिदेसी बांको में जमा है। सोनिया गाँधी के पास आपनी कोई कार नही। अरे भाई जर्रूरत ही क्या है। गरीब जनता का पैसा तो है न लक्जरी कार में चलने के लिए।
अब बात आती है की अगर इस चुनाव में बीजेपी ने इससे एक मुद्दा बनाया है तो इस पर बहुत लोग कह रहे है की वोट बैंक की राजनीति कह रहे है। ये एक मुद्दा नही होना चाहिए । भाई सभी वोट के लिए ही जद्दोजहत कर रहे है। चलो कोई नही मान लिया ...... और मै तो कहता हु कम से कम बीजेपी ने इसे नुद्दा तो बनाया । बाद बाकी तो सभी चुप्पी साधे हुए है। मै ये भी नही कह रहा की इस काले धन में बीजेपी के नेताओं का हिस्सा नही होगा। होगा बिल्कुल होगा भाई।
मै यू पी ऐ सरकार से पूछता हु की मनमोहन सिंह जी इस पे क्यौ कुछ नही कर रहे है।
अभी कल मै एक न्यूज़ चैनल में सुन रहा था की बाबा राम देव जी अब इसे जोर सोर से उठाये गे । अच्छी बात है। कोई उठाये कोई करे बस मै तो इतना कहूँगा की ये पैसा वापस आना चाहिए किसी भी कीमत पे।
बीजेपी ने कम से कम बात तो कही है इसे लाने की।

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